Hindi, asked by sanjudevid88, 6 hours ago

रेडियो की तात्कालिकता घनिष्ठा और प्रभाव के कारण इसे एक अद्भुत शक्ति किसने कहा था​

Answers

Answered by simakumari8676881784
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Answer:

gandhi ji yah kha tha or unhi ne nara lgaya tha

Answered by tripathiakshita48
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Answer:

गांधी जी ने रेडियो को अद्भुत शक्ति कहा था।

Explanation:

रेडियो की तात्कालिकता, घनिष्ठता व प्रभाव के कारण गाँधी जी ने इसे अद्भुत शक्ति कहा था।

रेडियो जनसंचार का श्रव्य माध्यम है। जिसके ध्वनि, शब्द और स्वर ही प्रमुख हैं। रेडियो मूलतः एक रेखीय माध्यम है। रेडियो समाचार की संरचना समाचार पत्रों तथा टीवी की तरह उल्टा पिरामिड शैली पर आधारित होती है। जिसमें अखबार की तरह पीछे लौटकर सुनने की सुविधा नहीं होती। लगभग 90 फीसदी समाचार या स्टोरीज इस शैली में लिखी जाती है।

उल्टा पिरामिड शैली - उल्टा पिरामिड शैली में समाचार पत्र के सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य को सर्वप्रथम लिखा जाता है। उसके बाद घटते हुए महत्त्व क्रम में दूसरे तथ्यों या सूचनाओं को बताया जाता है। अर्थात् कहानी की तरह क्लाइमैक्स अन्त में नहीं वरन् खबर के प्रारम्भ में आ जाता है। इस शैली के अन्तर्गत समाचारों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है -

(1) इन्ट्रो (2) बॉडी (3) समापन। 

इन्ट्रो - समाचार का मुख्य भाग होता है। 

बॉडी - घटते हुए क्रम में खबर को विस्तार से लिखा जाता है| ब्यौरा प्रस्तुत किया जाता है। 

समापन - अधिक महत्त्वपूर्ण न होने पर अथवा स्पेस न होने पर इसे काट कर छोटा भी किया जा सकता है।

रेडियो के लिए समाचार लेखन की बुनियादी बातें - साफ-सुथरी टाइप की हुई कॉपी, ट्रिपल स्पेस में टाइप करते हुए दोनों ओर हाशिए छोड़ें। एक पंक्ति में 12-13 शब्दों से अधिक न हों। पंक्ति के अन्त में विभाजित शब्द का प्रयोग न करें। समाचार कॉपी में जटिल एवं संक्षिप्त आकार का प्रयोग न करें। लम्बे अंकों को तथा दिनांक को शब्दों में लिखें। निम्नलिखित क्रमांक, अधोहस्ताक्षरी, किन्तु, लेकिन, उपर्युक्त, पूर्वक जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।वर्तनी पर विशेष ध्यान दें। समाचार लेखन की भाषा को प्रभावी बनाने के लिए आम बोलचाल की भाषा का ही प्रयोग करें। 

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