रंग-भरी रेखा एकटेढ़ी-सी.
जिसको हम इंद्रधनुष कहते हैं.
उमड़-घुमड़ कर अभी
बादल ये बरसे हैं,
महक उठी धरती
और फूल-पत्ती-पौधे
सब सरसे हैं.
जीवन में इसी तरह
दुख की घटाओं का अंधेरा है
इसके भी पीछे शायद
रंगों का घेरा है.
एक इसी आशा के तर्क पर
दुख और दाह हम सहते हैं,
जीवन में इसी आकर्षण को
इंद्रधनुष कहते हैं.
Answers
Answered by
3
Answer:
nice poem but there is no question
Explanation:
so which ans u want hau??
Similar questions