रंग हमारे लिए क्यों ज़रूरी है? सोचकर लिखिए।
Answers
Explanation:
सृष्टि महज एक खेल है राग और रंगों का। फागुन के महीने में यह खेल अपने चरम पर होता है, प्रकृति के मनोहारी व लुभावने रूप को निहार कर जीवों के भीतर राग हिलोरें लेने लगता है। ये भीतर की हिलोरें जब बाहर प्रकट होती हैं तो उत्सव का रूप ले लेती हैं और रंगों का पर्व होली मनाया जाता है।
हर इंसान किसी न किसी रंग में रंगा है, किसी न किसी राग में मस्त है। दुनिया के रंगमंच पर विभिन्न्ा भूमिकाएं आदा कर रहे इंसान अलग-अलग रंगों की शरण लेते हैं। साधु-सन्यासी गेरूआ पहनते हैं तो समाज सेवी सफेद, वहीं सिनेमा के पर्दों पर अभिनय कर रहे कलाकार दर्शकों का दिल बहलाने के लिए रंग विरंगे वस्त्रों में पेश आते हैं। आप भी ढ़ूंढि़ए अपना रंग जो आपकी भूमिका को निखारे।
Answer:
इसे खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि हमारे यहां सभी पेड़ - पौधे हरे होते हैं। हमारे विद्वानों ने इसे प्रकृति का रंग माना है। हमारी प्रकृति हरी है। इसे देखने से मन और आंखों को बहुत ही शांति मिलती है।
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