रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए माता और पुत्री में संवाद
Answers
Answer:
माता-बेटा, आज मैंने न तुम्हारे लिए आलू के पराठे बनाएं है।
पुत्री-क्या? पर क्यों? मुझे आप मोटा बनाना चाहती है।
माता-नहीं, बेटा। एक दिन खा लेने से कोई मोटा नहीं बन जाता।
पुत्री-मां,मैं बाहर पिज्जा खा लूंगी।
माता-यह आपके स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इससे रोग की सृष्टि होती है।
पुत्री-मां, यह पराठा खाने से मेरे दोस्त मेरा मजाक बनाऐंगे।
माता-बनाने दो, मेरे लिए तुम मेरा सब कुछ हो। अगर तुमको कुछ हो गया तो मैं क्या करुंगी। बेटा खाना हमेशा पौष्टिक होना चाहिए।उससे तुम्हारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने लगेगी।
पुत्री- मां,रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि क्या होता है।
माता- बेटा,रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि जो हमारी इम्युनिटी बढ़ाने में हमारी मदद करता है यानि हमारी प्रतिरक्षा करता है।
पुत्री- मां, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या- क्या करना चाहिए।
माता- बेटा,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमें:
१)पूरे दिन गर्म पानी पिएं।
२)रोजाना योगासनों का अभ्यास करें। कम से कम 30 मिनट तक प्राणायाम और योगासन करें।
३)खाना पकाने में रोजाना हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल करें।
४)रोजाना सबेरे एक चम्मच (10g) च्यवनप्राश का सेवन करें। डायबिटीज से पीड़ित लोग शुगरफ्री ज्यवनप्राश खाएं।
५)तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ और मुनक्का का काढ़ा बनाकर दिन में एक या दो बार सेवन करें। इसमें जरूरत के अनुसार गुड़ या नीबू का रस मिला सकते हैं।
६)हल्दी मिला दूध पिएं। 150ml गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं। ऐसा दूध दिन में एक या दो बार पी सकते हैं।
पुत्री- मां, तो क्या हम भी चह 'रोग प्रतिरोधक क्षमता' बढ़ाय।
माता- तुम कहरही हो तो हम 'रोग प्रतिरोधक क्षमता' बढ़ाना आज से शरू ही कर देते है।
पुत्री- चलो मां इस कोरोना को तो आज से भगा ही देते है क्योकि जब हम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाऐ गे तो यह वाइरस हमारे शरिर मे आएगा ही नहि।
माता- बेटा, तु कितनी समझदार हो।
पुत्री- हा मां , आखिर बेटी किसकी हुं? तुम्हारी ही ना!
माता- आजा मेरा बच्चा! चले चल।