Music, asked by dilipkumar84512, 10 months ago

राग विहाग का गायन समय क्या है?​

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Answered by adarshbsp903
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Answer:

राग बिहाग अत्यंत ही प्रचलित और मधुर राग है। प म् ग म यह स्वर समुदाय राग वाचक है। आरोह में मध्यम से उठाव करते समय मध्यम तीव्र का प्रयोग होता है जैसे - म् प ; म् प ध ग म ग; म् प नि सा' नि ध प;। अवरोह में तीव्र मध्यम का प्रयोग मध्यम शुद्ध के साथ किया जाता है जैसे - म् ग म ग। यदि अवरोह सीधा लेना हो तो सिर्फ शुद्ध मध्यम का प्रयोग होगा जैसे सा' नि ध प म ग रे सा।

कुछ दशक पूर्व तक राग बिहाग में मध्यम तीव्र का प्रयोग नहीं किया जाता था और इसीलिए इस राग का थाट बिलावल माना जाता था। परन्तु अब संगीतज्ञों द्वारा मध्यम तीव्र का प्रयोग किया जाता है और इसीलिए राग बिहाग को कल्याण थाट में रखा गया है।

इस राग में निषाद शुद्ध खुला हुआ लगता है अतः इसमें उलाहने जैसे प्रबंध बहुत आकर्षक लगते हैं। साधारणतया आलाप की शुरुवात मन्द्र निषाद से होती है जैसे - ,नि सा ग रे सा ; ,नि सा ,नि म ग रे सा । इसके अवरोह में रिषभ और धैवत पर न्यास नही किया जाता। इनका प्रयोग अल्प होता है जैसे - नि ध प ; म ग रे सा।

यह पूर्वांग प्रधान राग है। इसमें ख्याल, तराने, ध्रुवपद आदि गाए जाते हैं।

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