३८. राही एकाकीपन का अनुभव कब करता है? *
O O
जब विफल होने पर अपने भी पराए बन जाते हैं।
O जब विफल होने पर अपने अपने ही बने रहते हैं।
O दोनों
O इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई Bिedmi
by Xiaomi
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जब विफल होने पर अपने भी पराए बन जाते हैं
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जब विफल होने पर अपने अपने ही बने रहते हैं।
Explanation:
राही एकाकीपन का अनुभव तब करता है जब विफल होने और अपने भी पराए बन जाते है।
जब अपनो को जिस कार्य में कोई सफल व्यक्ति दिखता है तभी लोग उसे अपना मानते है एक विफल व्यक्ति की दशा पर लोग इतने स्वार्थी होने का एहसास करते है जैसे कि वो व्यक्ति किस काम आएगा और आज कल की दुनिया में सफल इंसान वही है जिसके पास धन की और व्यवसाय की ज़रूरत न हो , जिनके पास कोई भी प्रकार की कोई कमी न हो वो अपने व्यवसाय में व्यस्त हो हर एक सफल व्यक्ति के लिए पराये लोग भी अपने बन जाते है और विफल होने के बाद अपने ही अपने को पराया कर देते है ।
इसिलए राही एकाकीपन का अनुभव करता है जब वो विफल होने पर भी अपने ही पराये बन जाते है
#SPJ3
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