रोहिणी मानकर, ३०५, शिवाजीनगर, पुणे से श्री. संभाजी विद्यालय, बोरी क।।, जुन्नर में पढनेवाले अपने सहेली सानिका को राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पर आयोजित गायन प्रतियोगिता में प्रथम आने पर बधाई पत्र लिखती हैं।
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उत्तर:
३०५,
शिवाजीनगर,
पुणे
दिनांक - 20 अप्रैल 2021
प्रिय सानिका,
मधुर स्मृतियां।
कैसी हो? मैं यहां कुशल हूं, आशा करती हूं कि
तुम और तुम्हारे परिवार जन सभी कुशल मंगल हो।
सानिका कल ही अखबार में तुम्हारी फोटो देखी। यह देखकर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही ना रहा। तुम राष्ट्रीय विज्ञान दिन के अवसर पर आयोजित गायन प्रतियोगिता में प्रथम क्रमांक पर आकर अपना सपना पूरा किया।
तुम्हारी इस यश के लिए ढेर सारी बधाइयां।
सानिका मुझे पता है तुमने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी आज इसका फल तुम्हें प्राप्त हुआ है। कहते हैं ना मेहनत का फल मीठा होता है । और तुम जितनी जी-जान से कोशिश कर रही थी यह तो होना ही था। क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
मुझे आशा है,तुम दिन-ब-दिन इस क्षेत्र में तरक्की करोगी।
काका-काकी को मेरा प्रणाम देना। श्रवण को मेरी तरफ से प्यार देना।
तुम्हारी प्यारी सहेली,
रोहिणी
Answer:
प्रिय सुमेधा
मधुर स्मृतिः ।
बहुत-बहुत बधाई हो सुमेधा! मुझे अभी-अभी तुम्हारी सखी नीलिमा का टेलीफोन-संदेश मिला है। पता चला कि तुमने इस वर्ष संपूर्ण दिल्ली के विद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ वक्ता होने का सम्मान पाया है।
सुमेधा! मुझे इस समाचार से इतनी प्रसन्नता हुई है कि खुशी मन में नहीं समा रही। इसलिए सब काम छोड़कर तुम्हें बधाई लिख रही हूँ। मेरी ओर से हार्दिक बधाई। मेरी मम्मी और पापा भी तुम्हें आशीर्वाद भेज रहे हैं। ईश्वर करे तुम्हारी यह कला दिन दुगुनी रात चौगुनी वृद्धि करे। तुम सचमुच इस सम्मान की अधिकारिणी हो। ईश्वर ने तुम्हें प्रतिभा दी है तो तुमने मेहनत में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। प्रतिभा और साधना का यह सुफल तुम्हारे और हम सबके लिए गौरव की बात है। मैं तो यही कहँगी–और आगे बढ़ो, और बढ़ो।।