Environmental Sciences, asked by gis5616, 1 month ago

राइट डाउन फाइव फिजिकल एंड केमिकल इंजीनियरिंग बुक​

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Answered by ericpicx
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केमिकल इंजीनियरिंग में रॉ मेटीरियल्स को जीवन के विभिन्न उपयोगी प्रोडक्ट्स में बदलने के लिए केमिकल प्रोसेसेज का विकास करने के साथ ही केमिकल प्लांट्स की डिजाइनिंग और मेंटेनेंस जैसे कार्य शामिल होते हैं.

भारत में केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न कोर्सेज

केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में हालिया डेवलपमेंट्स की वजह से कई अन्य एडवांस्ड फ़ील्ड्स जैसे नैनोटेक्नोलॉजी, बायो-इंजीनियरिंग, बायो-मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग, मेटीरियल प्रोसेसिंग आदि का विकास हुआ है. हमारी रोजाना की जिंदगी में इस फील्ड के बढ़ते हुए महत्व को देखते हुए, आजकल छात्रों द्वारा केमिकल इंजीनियरिंग के कोर्सेज काफी पसंद किये जा रहे हैं. केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न लेवल्स पर निम्नलिखित कोर्सेज ऑफर किये जा रहे हैं:

डिप्लोमा कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में एक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा ऑफर करता है. इस कोर्स की ड्यूरेशन या अवधि 3 वर्ष है.  

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री ऑफर करता है. यह एक 4 वर्ष की अवधि का कोर्स है.

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज – यह कोर्स छात्रों को केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक (मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी) की डिग्री ऑफर करता है. यह 2 वर्ष की अवधि का कोर्स है.

डॉक्टोरल कोर्सेज – यह केमिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी (डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की डिग्री) प्राप्त करने के लिए रिसर्च पर आधारित एक कोर्स है.  

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