राइट एंड निबंध शॉर्ट नोट इन असम की बाढ़ इन हिंदी
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असम में इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन से 110 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 84 लोगों की मौत बाढ़ संबंधी घटनाओं और 26 लोगों की मौत भूस्खलनों के कारण हुई. राज्य में बाढ़ के हालात के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की. कई स्थानों पर मकान, फसलें, सड़क एवं पुल तबाह हो गए. असम में बाढ़ ने लोगों के घर बार छीन लिए हैं. जहां सड़कें होती थीं, वहां नाव चल रही है.
विभाग ने बताया कि असम तथा मेघालय में अगले 3 दिन में तथा बिहार में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है. असम में ब्रह्मपुत्र नदी ने प्रलयंकारी रूप ले लिया है. राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ का पानी जिंदगी के लिए आफत बना हुआ है. हालाद बद से बदतर हो रहे हैं. असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
2633 गांव बाढ़ की चपेट में
बाढ़ से अब तक 84 लोगों की मौत हो चुकी है, 2633 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते 1.14 लाख हेक्टेयर खेत पानी में डूब चुके हैं. असम में 47000 से ज्यादा लोग 287 रिलीफ कैंप में जीवन गुजारने पर मजबूर हैं. असम में इस साल की बाढ़ में 202 तटबंध और 167 ब्रिज को नुकसान पहुंचा है.
25 जिले बाढ़ से प्रभावित
असम के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिन जिलों में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, वो हैं, ढेमाजी, लखीमपुर, नलबाड़ी, बारपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, गोपाल पारा, कामरूप, मोरीगांव, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया. कांजीरंगा नेशनल पार्क से निकलकर हाथी और गैंडे हाईवे पर आ गए.
10 गैंडों की मौत
दरअसल कांजीरंगा पार्क में बाढ़ का पानी भर गया है. पार्क का करीब 90 फीसदी हिस्सा डूब चुका है. यही वजह है कि पार्क के तमाम जानवर जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों का रुख कर रहे हैं. बाढ़ के पानी में डूबने से अब तक 10 गैंडों की मौत हो चुकी है.
कांजीरंगा पार्क में अब तक 108 जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 136 को बचा लिया गया है. बचाए गए जानवरों में गैंडे के दो बच्चे, चार बाघ और 103 हॉग हिरन शामिल हैं. धुबरी जिले में 100 से ज्यादा गांव जलमग्न हैं. राहत सामग्री के लिए यहां के लोग यहां-वहां भटक रहे हैं.