राइट ए नोट ऑन द एग्रीकल्चरल डायवर्सिटी इन इंडिया एंड गिव एग्जांपल्स
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Explanation:
फसलों को उगाने की प्रक्रिया को कृषि कहा जाता हैं ।यानि सरल भाषा में भूमि व प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर फसल (फल , फूल , अनाज ) उत्पादन करने की प्रक्रिया को कृषि कहते हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य इंसान की प्राथमिक जरूरतों को पूर्ण करना है।
भारत कृषि प्रधान देश है। और इस देश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों पर निर्भर करती है। इसीलिए कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी माना जाता है। भारत में कृषि प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही की जाती रही है।
धरती में पाया जाने वाला हर जीव-जंतु , पेड़-पौधे , कीड़े मकोड़े , परिंदे आदि हमारे पर्यावरण व हमारी प्रकृति के संतुलन को बनाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। इस पृथ्वी के अलग-अलग भौगोलिक भू-भाग पर अलग-अलग तरह के जीव-जंतु , पेड़-पौधे पाए जाते हैं।
किसी एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले अलग-अलग प्रजाति के जीव जन्तु व वनस्पतियों के समूह को जैव विविधता कहते है।
जैव विविधता हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए आवश्यक है। और प्रकृति में उगने वाला हर एक पौधा या हर एक जीव जीव-जंतु हमारी खाद्य श्रृंखला को मजबूत करता है और हमारी पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाने का काम करता है।
इसीलिए संतुलित और सुदृढ़ पर्यावरण के लिए जैव विविधता महत्वपूर्ण है। और ये सभी मिलकर मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूर्ण करते है।और इस धरती को हम इंसानों के रहने लायक स्वस्थ व सुन्दर बनाते हैं।