राजाज्ञा स्तंभ क्या होते हैं? आप ‘अक्ष मुंडी' शब्द से क्या समझते हैं?
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राजाज्ञा स्तंभ वे स्तंभ होते थे, जो मौर्य काल में सम्राट अशोक द्वारा जगह-जगह स्थापित किए गए थे। इन राजाज्ञा स्तंभों में एक लंबे स्तंभ अर्थात खंभे के शीर्ष पर शीर्ष स्तंभ रखे जाते और यह स्थान किसी धार्मिक स्थल के पास स्थापित किए जाते थे। यह स्तंभ बुद्ध की जीवन की घटनाओं से जुड़े होते थे और तीर्थ स्थलों के रूप में प्रसिद्ध थे। यह स्तंभ तीर्थ यात्रियों के लिए मार्गदर्शक का काम करते थे।
अक्ष मुंडी एक प्राचीन परंपरा थी, जो एक ऐसे बिंदु का प्रतीक होती थी जो आकाश और पृथ्वी को आपस में जोड़ता है यह अक्ष स्तंभ पृथ्वी और आकाश के बीच यात्रा या संवाद स्थापित करने का माध्यम बनता था। अक्ष मंडी लगभग पहुंची संस्कृतियों में अलग-अलग रूपों में पाई गई है।
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पाठ - 4 : “स्वदेशी ग्राफिक डिजायन और संस्कृति”
विषय : ग्राफिक डिजायन - एक कहानी (इकाई-II : ग्राफिक डिजायन और समाज) [कक्षा - 11]
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