History, asked by riyarasaily350, 1 month ago

रोज का ग्रंथाचना और व्यक्तित्व ​

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Answered by kumarpriyanshu808423
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Answer:

आत्म-अवधारणा के गठन में आत्म-प्राप्ति की दिशा में प्रवृत्ति के महत्व पर जोर दिया गया। रोजर्स के अनुसार मानव व्यक्ति की क्षमता अद्वितीय है, और प्रत्येक के व्यक्तित्व के आधार पर विशिष्ट रूप से विकसित होती है.

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