Hindi, asked by choudharys5757, 4 days ago

रोज कहानी की मूल संवेदना पर टिप्पणी लिखिए ​

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Answered by ownwrites
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रोज शीर्षक

मल्टी का एक छोटा बच्चा है जिसका नाम टीटी है वे सदैव रोते रहता है वो काफी चिड़चिरडा सा है लेखक अनुभव करता है की मालती के घर में जैसे किसी अभिशाप की चाय फैली है इस घर का बातावरण बोजिल और हाटसपूर्ण है कई उत्साह और उमंग नहीं है यद्यपि डॉक्टर साहव बुरे नहीं है वे अपने काम में लगे रहते है पहाड़ पे इस्थित इस कावटर के न तो ठीक से पानी आते है न तो हरी सब्जी उपलब्ध है यहाँ पर कोई स्नैचर पात्र नहीं आता है यहाँ पढ़ने लिखने का कोई साधन नहीं है ! इस त्रेः हम देखते है के मालती न तो एक सफल पत्नी और न ही सफल माँ है इनमे उनका चात्रित्र का कोई दोष नहीं है ! परिस्थिथी ऐसे है की की मल्टी बदल गए है ! मालती जैसे लड़की शादी के बाढ़ बदल गए है !महिलाएं को गृह कार्य यत्रवत बना जाता है उसके जीवन में कोई संवेदना नहीं है कोई राग नहीं ! `

Answered by Jiya0071
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Answer:

'रोज 'अज्ञेयजी की बहुचर्चित कहानी है इन्होने मध्यवर्ग भारीतय समाज में घरेलू स्त्री के जीवन और मनोदशा पर सहानभूति पूर्वक विचार किया है इस कहानी में मल्टी नामक एक नारी पात्र है जो लेखक की रिश्ता में बहन लगती है दोनों बचपन में साथ साथ पले और बढे है विद्याथी जीवन में मालती अत्यंत चंचल और उचाखल प्रवति के लड़की थी उसे पढ़ने।

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