राजा मेनाण्डर पर 15 पंक्तियाँ लिखो
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मेनाण्डर इण्डो-यूनानी राजाओं में सबसे महान था। उसका जन्म कलसी गाँव में हुआ था जो मेनाण्डर की राजधानी शाकल से 200 योजन दूर स्थित अलासण्ड द्वीप पर था। ‘मिलिन्दपन्ह’ ग्रन्थ में मेनाण्डर को एक राजवंश से सम्बन्धित बताया गया है। मेनाण्डर के सिक्कों के अध्ययन से पता चलता है कि उसने डेमेट्रियस की पुत्री अगैथीक्लीया से विवाह किया। मेनाण्डर एक महान विजेता भी था उसने सिकन्दर से भी अधिक राष्ट्रों पर विजय पाई। मेनाण्डर के सिक्कों के प्राप्ति स्थानों से यह निष्कर्ष निकलता है कि वह कई राज्यों का शासक था।
वजीर जातीय प्रदेश से प्राप्त खरोष्ठी अभिलेखों में से एक में मेनाण्डर के राज्य का उल्लेख किया गया है। पेशावर प्रदेश और सम्भवतः ऊपरी काबुल घाटी पर मेनाण्डर के अधिकार के संकेत भी इन अभिलेखों से मिलते हैं। ‘मिलिन्दपन्ह’ के अनुसार मेनाण्डर ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। मेनाण्डर एक कट्टर बौद्ध था। उसने अनेक बौद्ध भिक्षुओं को आश्रय दिया था। मेनाण्डर ने बौद्ध विद्वान भिक्षु नागसेन से बौद्ध अध्यात्म शास्त्र और दर्शन के विषय में कई प्रश्न पूछे तथा संतोषजनक उत्तर प्राप्त होने पर वह बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।
विद्वान मेनाण्डर का शासन काल डेमेट्रियस की मृत्यु के पश्चात् मानते हैं। ‘मिलिन्दपन्ह’ में कहा गया है कि मेनाण्डर ‘परिनिर्वाण’ के 500 वर्ष पश्चात् तक जीवित रहा। वह एक न्यायप्रिय शासक था उसके न्यायप्रिय होने का प्रमाण अन्य देशों में रचे गये विवरणों से भी मिलता है। रैप्सन के अनुसार मेनाण्डर ने एक विजेता के रूप में ही नहीं वरन् उपनिषदों में वर्णित कुरुवंशी जनमेजय और विदेह शासक जनक की भाँति एक दार्शनिक के रूप में भी ख्याति प्राप्त की। इस प्रकार स्पष्ट रूप से कहा जा सकता। है कि मेनाण्डर ने हिन्द यवनं साम्राज्य के बैक्ट्रियन शाखा के अच्छे शासक के रूप में सफलता अर्जित की।