राजू नामक लड़का-पढ़ाई के प्रति लापरवाह - परीक्षा में अनुत्तीर्ण
होने का डर -मित्र की सलाह, “याददाश्त खो जाने का ढोंग करो"-मित्र का
राजू के पिता से राजू के सिर में चोट लगने की झूठी बात कहना-पिता द्वारा
डॉक्टर को बुलाना-सही बात समझ जाना-इलाज के लिए सिर का ऑपरेशन
करने की बात करना-राजू का डर जाना-सच बात कह देना-पिता की
सीख-दिल लगाकर पढ़ना-उत्तीर्ण हो जाना-सीख।
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चतुर डॉक्टर अथवा सही इलाज
राजू नाम का एक लड़का था। वह पढ़ाई के प्रति बहुत लापरवाही करता था। वार्षिक परीक्षा सिर पर आ गई थी। राजू को अनुत्तीर्ण होने का डर था, इसलिए वह किसी तरह परीक्षा से बचना चाहता था।
राजू के एक मित्र ने उसे सलाह दी, "तुम अपनी याददाश्त खो जाने का ढोंग करो।" राजू को यह सलाह पसंद आ गई। उसने माँ को पहचानने से इनकार कर दिया। पिताजी उसके । कमरे में आए, तो वह बोला, "कौन हैं आप? मेरे कमरे में क्यों आए हैं? चले जाइए यहाँ से।" राजू के पिता घबरा गए। उन्होंने राजू के मित्र से पूछताछ की। मित्र ने बताया, "राज स्कूल में सीढ़ियों से गिर गया था। तब से वह अपनी याददाश्त खो बैठा है।" राजू के पिता ने फौरन डॉक्टर को बुलाया। चतुर डॉक्टर को यह समझते देर न लगी कि राजू ढोंग कर रहा है। डाक्टर ने राजू के पिता से कहा, "इस लड़के के सिर में कुछ गड़बड़ हो गई है। इसके सिर का ऑपरेशन करना पड़ेगा।"
ऑपरेशन का नाम सुनते ही राजू घबरा गया। उसने सब कुछ कबूल कर लिया। उसने कहा, " परीक्षा से बचने के लिए ही मैंने यह नाटक किया है।" पिता ने राजू को समझाया, "बेटा, अब भी समय है। अगर तुम लगन से पढोगे, तो अवश्य उत्तीर्ण होगे।" राजू ने पिता की बात मान ली। उसने मन लगाकर पढ़ाई की और परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो गया।"
सीख : डर कर नहीं, संकट से जूझकर ही पार पा सकते हैं।
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