Social Sciences, asked by pnkjru21, 10 months ago

राजा राम मोहन राय के सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों की विवेचना कीजिए।
Discuss the social and Political thought of Raja Ram Mohan Roy.​

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Answered by Anonymous
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Answer:

राजा राममोहन राय (बांग्ला: রাজা রামমোহন রায়) (२२ मई १७७2 - २७ सितंबर १८३३) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की। उनके आन्दोलनों ने जहाँ पत्रकारिता को चमक दी, वहीं उनकी पत्रकारिता ने आन्दोलनों को सही दिशा दिखाने का कार्य किया।

राजा राममोहन राय की दूर‍दर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। हिन्दी के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रू‍ढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के करीब थे। वे स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन चाहते थे कि इस देश के नागरिक उसकी कीमत पहचानें।

Answered by inchudevi459
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राजा राममोहन राय एक समाज सुधारक

Explanation:

  राजा राममोहन राय का जन्म 1772 ईस्वी मे बंगाल मे हुआ था| इन्होने बहुत सारे समाज सुधार के कार्यो की सुरुआत की जो आधुनिक भारत के ओर बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ| वे धार्मिक और समाज  सुधारक थे| उन्हो ने कई समाज सुधारक संस्थाओ को  स्थापित की जिनमे प्रमुख संस्था है ब्रह्मो समाज | वह ईस्ट इंडिया कंपनी मे भी 10 साल सेवारत रहे| वह सतिपर्था के साथ साथ बाल विवाह के भी खिलाफ थे| धार्मिक कुरीतीयो के खिलाफ होने के कारण उनके पिता रमाकांत राय उनसे नाराज़ रहते थे| उन्हो ने 1823 ईस्वी मे अँग्रेज़ी सरकार के ग़लत नितिओ के विरोध मे संबाद कौमुदी समाचारपत्र की स्थापना की|

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