रोज सुबह Suraj aaकर,
sabko sada jagatha hai
apne gar jatha hai
subah-shyam लाली फैलाकर,
अपने घर जाता है ।।
दिन भर खुद को जला जलाकर
गह उजाला फैलाता है।
उसका जीना ही जीना है,
जो काम अभी के असा ।।
his kavitha का उचित शीर्षक Kya hai
Answers
Answered by
0
Naya Savers is the right answer
Answered by
0
Answer:
right title of poem is suraj
Similar questions