राजा साहब ने लोटन को सहारा क्यों दिया था अंत में उसकी दुर्गति होने का क्या कारण था
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राजा साहब के लुट्टन को सहारा देने व अंत में उसकी दुर्गति होने के कारण निम्नलिखित हैं।
- लुट्टन एक पहलवान था, उसने बचपन से ही पहलवानी सीखी थी तथा उसने अपनी पहलवानी से लोगों का दिल जीत लिया था।
- उसने श्यामनगर के मेले के दंगल में चांद सिंह पहलवान को हरा दिया , इससे प्रभावित हो रहा साहेब ने उसे आश्रय दिया।
- बाद में लुट्टन पहलवान ने काला खां को हरा दिया व आस पास के नगरों में अपनी धाक जमाई। इस प्रकार सभी नामी पहलवानों को हराकर वह दर्शनीय बन गया। उसने अपने दोनो बेटों को भी पहलवानी सीखाई।
राजा साहब ने उसके दोनों बेटों को भी राज दरबार में रख लिया ।
- पंद्रह वर्षों तक वह राज दरबार में रहा, राजा साहब की मृत्यु के बाद राजकुमार विरासत में आए, राजकुमार को गुड़ सवारी का शौक था, उसने लुट्टन के दोनों बेटों को राजदरबार से निकाल दिया, उस वक्त नगर में महामारी फैली थी, उसके दोनों बेटे उस महामारी में चल बसे, लुट्टन के लिए खाने के लाले पड़ गए।
- तत्पश्चात लुट्टन भी महामारी में चल बसा ।