Hindi, asked by nehachoudhary12985, 10 days ago

राजा सन्यासी को भिक्षा देने के लिए क्यों तैयार हो गया
पाठ - 7 ( दान का हिसाब )​

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Answered by shahupayal102
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राजा सन्यासी को भिक्षा देने के लिए  तैयार हो गया  क्योंकी राजा ने संन्यासी को भिक्षा देने का वचन दे दिया था।

लेकिन भंडारी के अनुसार भिक्षा के रूप में राजकोष से दस लाख रुपये की रकम निकल जाने वाली थी।

इससे राजा दिवालिया होने वाला था। राजा को अपना राजकोष बचाने के लिए संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा।

Answered by qwstoke
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राजा सन्यासी को भिक्षा देने के लिए तैयार हो गया क्योंकि राजा ने उसे भिक्षा देने का वचन दिया था।

  • "दान का हिसाब " पाठ में एक कंजूस राजा का वर्णन किया गया है , वह राजा अपने वस्त्रों तथा मनोरंजन पर बहुत धन लुटाया करता था परन्तु दान देने के समय मुट्ठी बंद कर देता ।
  • एक बार उस राज्य में अकाल पड़ गया, लोग भूख से मरने लगे तथा राजा से सहायता मांगने आए परन्तु राजा ने भगवान का प्रकोप कहकर टाल दिया।
  • एक चतुर सन्यासी राज दरबार में आया तथा उसने राजा को दानी पुरुष कहा, राजा अपनी प्रशंसा सुनकर अति प्रसन्न हुआ तथा भावनाओ में आकर सन्यासी से कहा कि वह कम रकम भिक्षा में दे सकता है।

  • इस पर सन्यासी ने कहा कि वह बीस दिनों तक भिक्षा लेगा ,पहले दिन सिर्फ एक रुपया लेगा ,दूसरे दिन उसका दुगुना तथा तीसरे दिन दूसरे दिन का दुगुना।
  • राजा ने हिसाब नहीं लगाया तथा छोटी रकम समझकर सन्यासी को भिक्षा देने का वचन दे दिया।
  • कुछ दिनों बाद राज भंडारी ने राजा से कहा कि इस प्रकार आपका राजकोष खाली हो जाएगा तो राजा ने सन्यासी को बुलाकर उसके पैर पकड़ लिए कि उसे दिवालिया होने से बचा लो।
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