Hindi, asked by feerojmirza4, 3 months ago

राज्य के अनिवार्य कार्य कौन-कौन से हैं​

Answers

Answered by yashpatel859635
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Explanation:

(1)पेयजल की व्यवस्था करना।

(2) सार्वजनिक स्वास्थ्य विकास करना।

(3) प्रकाश की समुचित व्यवस्था करना।

(4) शिक्षा व्यवस्था को संचालित करवाना।

Answered by sadiaanam
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Answer: राज्य के कार्यों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- अ. अनिवार्य कार्य ब. ऐच्छिक कार्य।

Explanation: राज्य का शाब्दिक अर्थ- राज्य शब्द अंग्रेजी भाषा के स्टेट (State) शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है, राज्य की उत्पत्ति लेटिन भाषा के स्टेटस शब्द से हुई है। स्टेटस का शाब्दिक अर्थ है सामाजिक स्तर। अत: स्टेट शब्द का तात्पर्य उस महान संस्था से है, जो गौरवशाली हो अर्थात् समय परिर्वतन के साथ स्टेट से बने स्टेट शब्द को राज्य के अर्थ में उपयोग किया जाने लगा।

राज्य निर्माण के आवश्यक तत्वों के संबंध में राज्य के संबंध में विभिन्न विचारकों की परिभाषाओं के विश्लेषण के आधार पर राज्य के अग्रांकित चार प्रमुख तत्व है- 1. जनसंख्या  2. निश्चित भू-भाग 3. सरकार 4. संप्रभुता ।

राज्य के अनिवार्य कार्यराज्य को अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए कुछ कार्य अनिवार्य रूप से करने पड़ते है यदि इन कार्यों को राज्य नहीं करे तो उसका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

राज्य के अनिवार्य कार्य हैं-

1. बाह्य आक्रमण से रक्षा- राज्य को अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए बाह्य आक्रमण से अपनी सीमाओं की रक्षा करना राज्य का अनिवार्य कार्य है। इस कार्य को करने के लिए राज्य जल, थल और वायु सेना रखता है और इन सेनाओं के लिए युद्ध सामग्री की व्यवस्था भी करता है।

2. आंतरिक शांति व सुव्यवस्था- राज्य में शान्ति व सुव्यवस्था की स्थापना करना राज्य का दूसरा अनिवार्य कार्य है। इन कार्यों को सम्पादित करने के लिए राज्य कानून बनाता है तथा उसका पालन करता है, इसके लिए राज्य पुलिस और जेल की व्यवस्था करता है और विषम परिस्थितियों में सेना की सहायता भी लेता है।

3. न्याय-व्यवस्था- राज्य में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए बनाये गये कानून का उल्लंधन करने वाले व्यक्तियों को दण्डित करना और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रखा करने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की स्थापना करना भी राज्य का अनिवार्य कार्य है। 

4. वैदेशिक संबंधों का संचालन- वैदेशिक संबंधों का संचालन करना राज्य का एक अनिवार्य कार्य है इसके लिए राज्य विश्व के अन्य राज्यों में अपनी राजदूतों की नियुक्ति करता है, साथ ही साथ अन्य राज्यों के राजदूतों के लिए अपने यहां व्यवस्था करता है।

 5. मुद्रा एवं बैंकिंग व्यवस्था- आधुनिक युग में राज्य में मुद्रा एवं बंैि कंग की उत्तम व्यवस्था तथ करारोपण द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु धन संग्रह करना भी राज्य का एक अनिवार्य कार्य है।

6. संचार एवं यातायात व्यवस्था- राज्य के अनिवार्य कार्यों में संचार एवं यातायात व्यवस्था भी सुचारू रूप से करना एक है। राज्य के ऐच्छिक कार्यइन कार्यों में वे कार्य आते हैं, जिनकों करना राज्य की इच्छा पर निर्भर होता है, क्योंकि इन कार्यों को करने या न करने से राज्य के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं होता।

राज्य के ऐच्छिक कार्य हैं-

1. शिक्षा की व्यवस्था- मानव की उन्नति और विकास में शिक्षा का प्रमुख और महत्वपूर्ण योगदान रहाता है। इसलिए राज्य अपने नागरिकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा व्यवस्था करता है। 

2. सार्वजनिक स्वास्थ्य- राज्य अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महामारी और अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए सार्वजनिक चिकित्सालयों की भी व्यवस्था करता है। 

3. कृषि की उन्नति- कृषि की उन्नति के लिए राज्य कृषकों को उत्तम बीज, खाद और सिंचाई के सांधनों को उपलब्ध कराता है। किसानों को नये-नये आविष्कारों और तकनीक से परिचित कराना, उपज का उचित मूल्य दिलवाना, प्राकृतिक प्रकोप होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करना आदि कार्य राज्य द्वारा किये जाते हैं।

 4. श्रमिकों के हितों की रक्षा करना- श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए राज्य श्रमिकों के कार्य करने के घण्टे निश्चित करके उन्हें उचित पारिश्रमिक दिलाने की व्यवस्था करता है। 

5. अपंग एवं असहायों की सहयता- शारीरिक रूप से अपंग, असहाय और वृद्ध व्यक्तियों के लिए राज्य द्वारा आर्थिक सहायता की व्यवस्था की जाती है।

 6. सामाजिक सुधार- सामाजिक कुरीतियों से समाज को मुक्त कराना भी राज्य का कार्य हैं। 

7. लोककल्याण के कार्य- आधुनिक युग में राज्य के कार्यों में वृद्धि होती जा रही है। आज लोक कल्याण के कार्य राज्य द्वारा किये जाते हैं।


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