India Languages, asked by ankitakamble153, 6 months ago

) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म,
मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी
के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति,
लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार
पर--
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों
और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख) पूर्णतः या भागतः राज्य-निधि से पोषित या
साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं,
तालाबों, स्नानघाटों, सडकों और सार्वजनिक
समागम के स्थानों के उपयोग,
के संबंध में किसी भी निर्योषयता, दायित्व,
निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों
और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से
निवारित नहीं करेगी।
[(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड
(2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और
शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं
वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों
और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष
उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
please translate in marathi ​

Answers

Answered by mittalraval580120
0

Answer:

संबंधित है। विदित है कि अधिकांश विदेशी यात्री और आक्रान्ता उत्तर-पश्चिम सिंहद्वार से ही भारत आए। भारत में आनेवाले इन विदेशियों ने जिस देश के दर्शन किए वह 'सिंधु' का देश था। ईरान (फारस) के साथ भारत के बहुत प्राचीन काल से ही संबंध थे और ईरानी 'सिंधु' को 'हिन्दू' कहते थे [सिंधु- हिन्दु, स का ह में तथा ध का द में परिवर्तन- पहलवी भाषा प्रवृति के अनुसार ध्वनि परिवर्तन। 'हिन्दु' से 'हिन्द' बना और फिर 'हिन्द' में फारसी भाषा के संबंध कारक प्रत्यय 'ई' लगने से 'हिन्दी' बन गया। 'हिन्दी' का अर्थ है- 'हिन्द का'। इस प्रकार हिन्दी शब्द की उत्पत्ति हिन्द देश के निवासियों के अर्थ में हुई। आगे चलकर यह शब्द 'हिन्द की भाषा' के अर्थ में प्रयुक्त होने लगा।

उपर्युक्त बातों से तीन बातें सामने आती हैं-

(1) 'हिन्दी' शब्द का विकास कई चरणों में हुआ-

सिंधु - हिन्दु - हिन्द + ई - हिन्दी।

(2) 'हिन्दी' शब्द मूलतः फारसी का है न कि हिन्दी भाषा का। यह ऐसे ही है जैसे बच्चा हमारे घर जन्मे और

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