राज्य मंत्रिपरिषद् का गठन एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
राज्य विधायिका की शक्ति व कार्यों का उल्लेख कीजिए।
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मंत्रिपरिषद के गठन की प्रक्रिया मुख्यमंत्री की नियुक्ति से शुरू होती है। राज्यपाल पहले मुख्यमंत्री और फिर अन्य मंत्रियों को उनकी सलाह पर नियुक्त करता है।
Explanation:
राज्य की विधायिका के पास संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची ( 2) में शामिल विषयों पर विशेष शक्तियां हैं और उप सूची (3) में शामिल लोगों के समवर्ती शक्तियां हैं। विधायिका की वित्तीय शक्तियों में राज्य सरकार द्वारा सभी व्यय, कराधान और उधार लेने का प्राधिकरण शामिल है | राज्य विधायिका, वित्तीय नियंत्रण की सामान्य शक्ति का प्रयोग करने के अलावा, सभी सामान्य संसदीय उपकरणों जैसे प्रश्न, चर्चा, बहस, स्थगन और अविश्वास प्रस्ताव और कार्यपालिका के दिन-प्रतिदिन के कामों पर नजर बनाए रखने के लिए प्रस्ताव का इस्तेमाल करती हैं।
राज्य मंत्रिपरिषद के शक्ति और कार्य है क़ी संविधान प्रदान करता है कि राज्यपाल के पास अपने कार्यों के अभ्यास में राज्यपाल की सहायता करने और सलाह देने के लिए मुख्य मंत्री के साथ एक मंत्रिपरिषद होगी, जहां तक वह अपने विवेक से कार्य करने के लिए संविधान के तहत या उसके अधीन है।