राज्य विधान परिषद् की शक्तियों की विवेचना कीजिए।
अथवा
उच्च न्यायालय के कार्यक्षेत्र एवं शक्तियों की विवेचना कीजिए।
Answers
Answer:
विधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमंडल का अंग है। आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के रूप में, (भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश)(इकतीस में से]]) छः राज्यों में विधान परिषद है। इसके अलावा, राजस्थान, असम, ओडिशा को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की मंजूरी दे दी है।
राज्य विधान परिषद हर राज्य में सरकारी निकाय है
Explanation:
राज्य विधायिका की शक्तियाँ
(i) विधायी शक्तियाँ:
राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन में एक साधारण या गैर-धन विधेयक पेश किया जा सकता है। कानून बनने के लिए दोनों सदनों द्वारा इसे पारित किया जाना आवश्यक है। यदि विधेयक को पहली बार में विधानसभा में स्थानांतरित किया जाता है, तो यह विधानसभा द्वारा पारित होने के बाद विधान परिषद में जाता है।
(ii) वित्तीय शक्तियाँ:
वित्तीय क्षेत्र में, विधान परिषद के पास बहुत कम शक्ति है। एक मनी बिल केवल विधानसभा में पेश किया जा सकता है। इसके पारित होने के बाद, यह विचार के लिए विधान परिषद में जाता है। परिषद को 14 दिनों के भीतर इसे वापस करना होगा।
(iii) कार्यपालिका पर नियंत्रण:
विधान परिषद का कार्यपालिका पर बहुत कम नियंत्रण है। राज्य मंत्रिपरिषद केवल विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होती है न कि विधान परिषद के लिए। विधान परिषद के सदस्य मंत्रियों को प्रश्न और पूरक प्रश्न पूछकर राज्य मंत्रालय पर कुछ नियंत्रण रखते हैं।