Hindi, asked by APOfficial, 8 months ago

राजकुमार की शिक्षा दीक्षा का संक्षेप में वर्णन कीजिए from budh chritra class 8th...pls answer​

Answers

Answered by hanshu54
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Explanation:

ऐसे विद्यालय जहाँ विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरू के परिवार का हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता है।[1] भारत के प्राचीन इतिहास में ऐसे विद्यालयों का बहुत महत्व था। प्रसिद्ध आचार्यों के गुरुकुल में पढ़े हुए छात्रों का सब जगह बहुत सम्मान होता था। राम ने ऋषि वशिष्ठ के यहाँ रह कर शिक्षा प्राप्त की थी। इसी प्रकार पाण्डवों ने ऋषि द्रोण के यहाँ रह कर शिक्षा प्राप्त की थी।

प्राचीन भारत के गुरूकुलों के अंतर्गत तीन प्रकार की शिक्षा संस्थाएँ थीं-

(१) गुरुकुल- जहाँ विद्यार्थी आश्रम में गुरु के साथ रहकर विद्याध्ययन करते थे,

(२) परिषद- जहाँ विशेषज्ञों द्वारा शिक्षा दी जाती थी,

(३) तपस्थली- जहाँ बड़े-बड़े सम्मेलन होते थे और सभाओं तथा प्रवचनों से ज्ञान अर्जन होता था। नैमिषारण्य ऐसा ही एक स्थान था।

गुरुकुल आश्रमों में अनादिकाल से ही करोड़ों विद्यार्थी विद्या-अध्ययन करते रहे हैं।भारतवर्ष के गुरुकुल आश्रमों के आचार्यों को उपाध्याय और प्रधान आचार्य को 'कुलपति'या महोउपाध्याय कहा जाता था । रामायण काल में वशिष्ठ का बृहद् आश्रम था जहाँ राजा दिलीप तपश्चर्या करने गये थे, जहाँ विश्वामित्र को ब्रह्मत्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार का एक और प्रसिद्ध आश्रम प्रयाग में भारद्वाज मुनि का था

Answered by purnamishra026
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Answer:

प्रश्न-- बुद्ध ने प्रथम दीक्षा किससे ली?

उत्तर-- गृहत्याग के उपरांत सिद्धार्थ सर्वप्रथम अनोमा नदी के तट पर ही पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने अपने सिर को मुंडवाकर भिक्षुओं वाले काषाय वस्त्र धारण किए ।ज्ञान की खोज में सिद्धार्थ सबसे पहले वैशाली के अलार कलाम नामक संन्यासी के पास पहुंचे, जिन्होंने इन्हें सांख्य दर्शन की दीक्षा दी।

प्रश्न-- बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ और कब हुई?

उत्तर-- अलारकलाम के आश्रम के बाद सिद्धार्थ ने उरुवेला (बोधगया) के लिए ही प्रस्थान किया था, जहां इनकी कौडिन्य आदि पांच संन्यासियों से भेंट हुई। 35 वर्ष की अवस्था में, उरुवेला में ही निरंजना नदी के तट पर स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे इन्हें ज्ञान का बोध हुआ। उस दिन बैसाख पूर्णिमा का दिन था।

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