Social Sciences, asked by Kolebk, 4 months ago

राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियां है ?​

Answers

Answered by manishav123
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Answer:

राजनीतिक दलों के सामने निम्नलिखित चुनौतियां है:

  • राजनीतिक दलों के सामने सबसे पहली चुनौती है कि लोकतंत्र में केवल कुछ नेताओं के हाथों में ही सारी ताकत है लोकतंत्र में यह आवश्यक है कि कोई भी फैसला लेने से पहले कार्यकर्ताओं से परामर्श लिया जाए लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है राजनीतिक दलों में नियमित बैठक नहीं होती और ना ही इसके आंतरिक चुनाव होते हैं वह कार्यकर्ताओं से सूचना साझा नहीं करते और इसका हानिकारक परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है
  • अधिकतर नेता राजनीतिक में ऊंचे ऊंचे पदों पर अपने करीबी रिश्तेदारों और नजदीकी सदस्यों को स्थान दे देते हैं इस प्रकार यदि सामान्य कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय की स्थिति होती है यह पूरी तरह से लोकतंत्र में विरोध है कई बार देखा जाए देखा जाता है कि अनुभवहीन लोगों से पढ़ा पर आसीन होते हैं भारतीय राजनीति में यही प्रवृत्ति प्रचलित है
  • कई बार राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए धन और बल का भी प्रयोग कर लेते हैं इसके लिए वे अपराध और अपराधियों का ही सहारा सहारा लेने से भी परहेज नहीं करते साथ ही वह किसी धनवान व्यक्ति और कंपनी के प्रभाव में ही है आ जाते हैं जिसे दल को उस व्यक्ति विशेष और कंपनी के अनुसार नीति आधारित करनी पड़ती है इस तरह लोकतंत्र के विकास को रोकते हैं दल के भीतर अच्छे नेताओं के महत्व को कम करते हैं
  • आज के युग में दलों के बीच वैचारिक अंतरण कम होता जा रहा है दलों के बीच विकल्प चिंता की स्थिति है भिन्न-भिन्न पार्टियों की नीति वर्ष सिद्धांत भिन्न-भिन्न में होती हैं परंतु आजकल बड़ी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की नीतियों में बहुत कम अंतर रह गया है जिससे कांग्रेस समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाजवादी पार्टी आदि और नीतियों में कोई विशेष अंतर नहीं है आता जनता के लिए विकल्पों पर चुनाव सीमित है

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