राजनीतिक विज्ञान से संबंधित परंपरावादी दृष्टिकोण का आलोचनात्मक अध्ययन कीजिए।...........(plz 20 points)
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राजनीति विज्ञान
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राजनीतिशास्त्र वह विज्ञान है जो मानव के एक राजनीतिक और सामाजिक प्राणी होने के नाते उससे संबंधित राज्य और सरकार दोनों संस्थाओं का अध्ययन करता है।।[1]
राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि।
परिचय
राजनीति विज्ञान का उद्भव अत्यन्त प्राचीन है। यूनानी विचारक अरस्तू को राजनीति विज्ञान का पितामह कहा जाता है। यूनानी चिन्तन में प्लेटो का आदर्शवाद एवं अरस्तू का बुद्धिवाद समाहित है।
राजनीतिशास्त्र या राजनीति विज्ञान अत्यन्त प्राचीन विषय है। प्रारंभ में इसे स्वतंत्र विषय के रूप में नहीं स्वीकारा गया। राजनीति विज्ञान का अध्ययन नीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र, इतिहास, एवं विधिशास्त्र आदि की अवधारणाओं के आधार पर ही करने की परम्परा थी। आधुनिक समय में इसे न केवल स्वतंत्र विषय के रूप में स्वीकारा गया अपितु सामाजिक विज्ञानों के सन्दर्भों में इसका पर्याप्त विकास भी हुआ। राजनीति विज्ञान का अध्ययन आज के सन्दर्भ में पहले की अपेक्षा एक ओर जहां अत्यधिक महत्वपूर्ण है वहीं दूसरी ओर वह अत्यन्त जटिल भी है।