राजनीति क्या है big answer
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राजनीति दो शब्दों का एक समूह है राज+नीति। (राज मतलब शासन और नीति मतलब उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने कि कला) अर्थात् नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उद्देश्य को प्राप्त करना राजनीति कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जनता के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर (सार्वजनिक जीवन स्तर)को ऊँचा करना राजनीति है । नागरिक स्तर पर या व्यक्तिगत स्तर पर कोई विशेष प्रकार का सिद्धान्त एवं व्यवहार राजनीति (पॉलिटिक्स) कहलाती है। अधिक संकीर्ण रूप से कहें तो शासन में पद प्राप्त करना तथा सरकारी पद का उपयोग करना राजनीति है।
राजनीति में बहुत से रास्ते अपनाये जाते हैं जैसे- राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना,विधि बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना। राजनीति बहुत से स्तरों पर हो सकती है- गाँव की परम्परागत राजनीति से लेकर, स्थानीय सरकार, सम्प्रभुत्वपूर्ण राज्य या अन्तराष्ट्रीय स्तर पर। राजनीति का इतिहास अति प्राचीन है जिसका विवरण विश्व के सबसे प्राचीन सनातन धर्म ग्रन्थों में देखनें को मिलता है । राजनीति कि शुरूआत रामायण काल से भी अति प्राचीन है। महाभारत महाकाव्य में इसका सर्वाधिक विवरण देखने को मिलता है । चाहे वह चक्रव्यूह रचना हो या चौसर खेल में पाण्डवों को हराने कि राजनीति । अरस्तु को राजनीति का जनक कहा जाता है। आम तौर पर देखा गया है कि लोग राजनीति के विषय में नकारात्मक विचार रखते हैं , यह दुर्भाग्यपूर्ण है ,हमें समझने की आवश्यकता है कि राजनीति किसी भी समाज का अविभाज्य अंग है ।महात्मा गांधी ने एक बार टिप्पणी की थी कि राजनीति ने हमें सांप की कुंडली की तरह जकड़ रखा है और इससे जूझने के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है ।राजनीतिक संगठन और सामूहिक निर्णय के किसी ढांचे के बिना कोई भी समाज जीवित नही रह सकता ।
आपका उत्तर♤◇♧ :-
अरस्तू ने कहा है कि ‘मनुष्य एक राजनीतिक प्राणी है’, इस प्रकार उन्होने मनुष्य की एक ऐसी स्वाभाविक क्षमता को मान्यता प्रदान की है जो उसे अन्य प्राणियों से अलग करती है। मनुष्य किसी-न-किसी ‘राज्य’ (पोलिस) के अंतर्गत रहता है, अर्थात एक सामूहिक सत्ता के माध्यम से अपने जीवन को व्यवस्थित करता है ताकि वह ‘उत्तम जीवन’ और ‘आत्म-सिद्धि’ को प्राप्त कर सके। इस प्रकार राजनीति मनुष्य के स्वाभाविक गतिविधि का क्षेत्र है। दरअसल अरस्तू की मान्यता है कि ‘राज्य जीवन के लिए अस्तित्व में आता है और अच्छे जीवन के निरंतर बना रहता है’। चूंकि राज्य राजनीति के अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए हम यह कह सकते हैं कि राजनीति का प्रमुख उद्देश्य ‘उत्तम जीवन’ कि सिद्धि करना है।