Hindi, asked by taruna81, 1 year ago


राजनेताओं की स्वार्थपरता पर चिंता व्यक्त करते हुए मित्र से हुई बातचीत को संवाद के रूप मे लिखिए।

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Answered by shishir303
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      राजनेताओं की स्वार्थपरता पर दो मित्रों के बीच बातचीत

(राजन और इकबाल नाम के दो मित्र आजकल के नेताओं की स्वार्थपरता पर चिंता व्यक्त करते हुये बातचीत कर रहे हैं।)

राजन — इकबाल! तुम राजनीति में रुचि रखते हो।

इकबाल — हां थोड़ी-थोड़ी रखता हूं।

राजन — तो देख रहे होगे कि आजकल हमारे नेता लोग कितने स्वार्थी हो गये हैं।

इकबाल — सो तो है।

राजन — देश की किसी को कुछ भी नहीं पड़ी है, बस उनका उल्लू सीधा होता रहे। ऐसा हमारे नेताओं का आचरण हो गया है।

इकबाल — तुम ठीक कह रहे हो। हमारे नेताओं में आदर्श और ईमानदारी तो गायब ही होती जा रही है।

राजन — ये नेता लोग जनता के सामने झूठे वादे करके सत्ता में तो आ जाते हैं। फिर वो जनता को भूल जाते हैं और अपने परिवार और अपनी पार्टी के उद्धार में लग जाते हैं।

इकबाल — बिल्कुल ठीक कह रहे हो, इन लोगों के लिये अपनी पार्टी महत्वपूर्ण है। देश मजबूत हो न हो इन लोगों की पार्टी मजबूत हो जाये। ये और इनका परिवार मजबूत हो जाये।  पता नहीं हमारे इन नेताओं में स्वार्थपरता कब समाप्त होगी।

राजन — कब ये लोग अपनी स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर देश के भले के लिए सोचेंगे। जिस दिन यह लो ऐसा सोचने लगेंगे उस दिन हमारे देश का विकास भी बहुत तेजी से होगा और हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में आ जाएगा।

इकबाल — काश, तुम्हारी बात सच हो जाये।

राजन — उम्मीद पर दुनिया कायम है। कभी न कभी तो नेताओं की ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पीढ़ी आयेगी।

इकबाल — इंशा अल्लाह।

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