राजस्थान के लोक देवता पर निबंध 100 शब्दों
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The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay In Hindi
राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay In Hindi
June 4, 2020 by Laxmi
राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – Essay On The Major Folk Deities Of Rajasthan
संकेत बिन्दु–
लोक देवता का आशय
प्रमुख लोक देवताओं का संक्षिप्त परिचय
लोक देवताओं के जनहितकारी कार्य
लोक देवता और लोक आस्था
उपसंहार।
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – Raajasthaan Ke Pramukh Lok Devata Par Nibandh
लोक देवता का आशय–
लोक देवता/देवी से तात्पर्य ऐसे महापुरुषों/महान स्त्रियों से है, जो मानव रूप में जन्म लेकर अपने असाधारण व लोकोपकारी कार्यों के कारण दैवीय अंश के रूप में स्थानीय जनता द्वारा स्वीकारे गए हैं। इनके जन्मस्थल अथवा समाधि पर मेले लगते हैं।
प्रमुख लोक देवताओं का संक्षिप्त परिचय-
एवं उनके जनहितकारी कार्य राजस्थान में लोक देवताओं की एक लंबी परम्परा रही है। क्षेत्र विशेष के अपने–अपने लोक देवता हैं तथा कुछ सर्वमान्य लोक देवता भी हैं, जो राजस्थान की सीमाओं से भी बाहर के लोगों की आस्था का केन्द्र बने हुए हैं। कुछ प्रमुख लोक देवताओं का संक्षिप्त परिचय एवं उनके जनहितकारी कार्य इस प्रकार हैं।
(i) गोगाजी–इनका जन्म 1003 ई. में चूरू जिले के ददरेवा नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम जेवरसिंह तथा माता का नाम बाछल था। ये चौहान राजपूत थे। गोगाजी को जाहरपीर व साँपों का देवता भी कहा जाता है। इनकी स्मृति में भाद्रपद कृष्ण नवमी (गोगानवमी) को गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में मेला लगता है। गोगाजी का प्रतीक घोड़ा है। गोगामेंडी (हनुमानगढ़) व ददरेवा (चूरू) प्रमुख स्थल हैं। जहाँ गोरख टीला है, वहीं नाथ संप्रदाय का विशाल मन्दिर भी स्थित है। गोगाजी ने गौ–रक्षा एवं मुस्लिम आक्रांताओं (महमूद गजनवी) से देश की रक्षार्थ अपने प्राण न्योछावर कर दिये।
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