राजस्थान की पावन भूमि, वीरता और श्रृंगार की त्रिवेणी रही है। एक तरफ वहां का
करण करण मातृभूमि पर सर्वस्व बलिदान कर अपने शरीर की आहुति देने वाले सुर वीरों
के रक्त से रंजीत है तो दूसरी ओर वह संतों और भक्तों की अमृत मई बाणी से सिंचित
है, जिन्होंने समय-समय पर जन्म लेकर राजस्थान की धरती को अत्यधिक गौरवान्वित
किया है। वे संत और भक्त उत्कृष्ट कोटि के कवि भी रहे हैं। यही कारण है कि उनकी
वाणी काव्य के माध्यम से अभिव्यक्त होकर लोकमानस को रस-प्लावित हुई जन-जन
का कंठ हार बन गई है।
राजस्थान के इन भक्त कवियों में मीराबाई का नाम कृष्ण भक्त कवियों में सर्वोपरि है।
कृष्ण भक्ति काव्य में मीरा जी की माधुरी भावना में भक्ति की सत्यता पावन ता और
प्रेम की जो टीस , अनुभूति की? जो गहराई और प्रमाणिकता पाई जाती है
वह अन्य किसी कवि में नहीं मिलतीहै।
1) राजस्थान की पावन भूमि की त्रिवेणी में इनमें से कौनसा नहीं है?
अ) भक्ति
ब) दीनता
स) वीरता
द) श्रृंगार
2) वीरो ने शरीर की आह ति किस तरह दी?
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options C is a correct answer
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