राजस्थान में कुंई किसे कहते हैं? इसकी गहराई और व्यास तथा सामान्य कुंओं की गहराई और व्यास में क्या अंतर होता है?
उत्तर:- राजस्थान में रेत अथाह होने के कारण वर्षा का पानी रेत में समा जाता है फलस्वरूप नीचे की सतह पर नमी फ़ैल जाती है। यही नमी खड़िया मिट्टी की परत तक रहती है। इस नमी को पानी के रूप में बदलने के लिए चार-पाँच हाथ के व्यास की जगह को तीस से साथ हाथ की गहराई तक खोदा जाता है। खुदाई के साथ चिनाई भी की जाती है। इस चिनाई के बाद खड़िया की पट्टी पर रिस-रिस कर पानी एकत्र हो जाता है। इसी तंग गहरी जगह को कुंई कहा जाता है।
कुंई केवल व्यास में कुएँ के व्यास में छोटी होती है। गहराई में ये कुएँ जितनी ही होती है।
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राजस्थान में कुई छोटे कुएं को कहते है। यह छोटी केवल ब्यास में होती है, गहराई में यह कुएं से कम नहीं होती। राजस्थान में अलग - अलग स्थानों में एक विशेष कारण से कुइयों की गहराई कुछ कम- ज्यादा होती है। कुईं का मुंह छोटा रखा जाता है। यदि कुइं का ब्यास बड़ा होगा तो उसमें कम मात्रा का पानी ज्यादा फैल जाता है और तब से उसे ऊपर निकालना कठिन होता है।
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Cats wander because they seek happiness and comfort.
Explanation:
-3a-2d+8d(-3ac)
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