Economy, asked by Sanjulubana9397, 10 months ago

राजस्व घाटे की गणना कैसे की जाती है?

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Answered by Anonymous
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राजस्व घाटे का मतलब सरकार की अनुमानित राजस्व प्राप्ति और व्यय में अंतर होता है। किसी वित्त वर्ष के लिए सरकार राजस्व प्राप्ति और अपने खर्च का एक अनुमान लगाती है। लेकिन जब उसका व्यय उसके अनुमान से बढ़ जाता है, तो इसे राजस्व घाटा कहा जाता है। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मसलन सरकार ने अनुमान लगाया कि इस वित्त वर्ष में करों और दूसरे माध्यमों से उसकी कुल राजस्व प्राप्ति 110 रुपए रहेगी और इस दौरान सरकार का खर्च 80 रुपए रहेगा। इस तरह से अनुमान के मुताबिक सरकार को 30 रुपए शुद्ध राजस्व प्राप्त होगा। लेकिन यदि उस वित्त वर्ष के दौरान सरकार की कुल राजस्व प्राप्ति 100 रुपए रही और उसका खर्च 75 रुपए रहा, तो इस स्थिति में शुद्ध राजस्व 25 रुपए रहेगा, जो अनुमान से पांच रुपए कम है। पांच रुपए की यह कमी ही राजस्व घाटा कहलाएगी। अगर सरकार की राजस्व प्राप्ति अनुमान के मुकाबले बढ़ जाती है, तो उसे रेवेन्यू सरप्लस कहा जाता है। सरकार कई सारी योजनाएं चलाती रहती है, जिनमें काफी धन खर्च होता है, इसके कारण राजस्व घाटा बढ़ता है। इसके साथ ही कर और दूसरे माध्यमों से सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व में कमी होने से भी राजस्व घाटा बढ़ जाता है। अगर राजस्व घाटा एक हद से आगे बढ़ जाता है, तो वह सरकार के लिए चिंता का कारण बन जाता है।

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