Hindi, asked by prashantsinghroy06, 8 months ago

राजधर्म समास विग्रह का नाम लिखिए ​

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Answered by sherakipuja
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राजधर्म का अर्थ है - 'राजा का धर्म' या 'राजा का कर्तव्य'। राजवर्ग को देश का संचालन कैसे करना है, इस विद्या का नाम ही 'राजधर्म' है।

Answered by roopa2000
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Answer:

राजधर्म का अर्थ है - 'राजा का धर्म' या 'राजा का कर्तव्य'। राजवर्ग को देश का संचालन कैसे करना है, इस विद्या का नाम ही 'राजधर्म' है।

Explanation:

समास विग्रह = सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद को अलग – अलग करते हैं उसे समास- विग्रह कहते हैं।

दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहते हैं l जैसे पितांबर, यथाविधि, दशानन, चौराहा आदि l

समास के छह भेद होते हैं —

❍ तत्पुरुष समास

❍ कर्मधारय समास

❍ द्विगु समास

❍ बहुव्रीहि समास

❍ द्वंद्व समास

❍ अव्ययीभाव समास

१. तत्पुरुष समास ➟ तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है l जैसे – दीनानाथ, पुस्तकालय, रसोईघर, देशभक्त इत्यादि l

२. कर्मधारय समास ➟ कर्मधारय समास में पहला पद दूसरे पद की विशेषता बताता है या उनके बीच उपमेय-उपमान का संबंध होता है l जैसे –

नीलगगन = नीला गगन

चंद्रमुखी = चंद्र के समान मुख

सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह

३. द्विगु समास ➟ द्विगु समास के दोनों पदों में से पहला पद संख्यावाचक होता है l जैसे :- तिरंगा, त्रिकोण, त्रिभुज, चौराहा इत्यादि l

४. बहुव्रीहि समास ➟ बहुव्रीहि समास में दोनों पद गौन होते हैं तथा कोई अन्य पद प्रधान हो जाता है l जैसे :-

पितांबर = पीला है जिसका वस्त्र अर्थात = विष्णु

दशानन = दस है मुख जिसके अर्थात = रावण

५. द्वंद समास ➟ द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं l जैसे :- भाई-बहन, माता-पिता, सुख-दुख आदि l

६. अव्ययीभाव समास ➟ जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्तपद अव्यय हो उसे अवयवीभाव समास कहते हैं l जैसे :- प्रतिदिन रातों-रात यथाशक्ति आदि l

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