Hindi, asked by ashokkumarr1031986, 10 months ago

रीढ़ की हड्डी' शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए
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Answered by InvincibleTJ
4

Answer:

‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है ।इसका शीर्षक बिल्कुल उचित है। इस एकांकी में लेखक ने समाज के रूढ़ियों पर प्रहार किया है। गोपाल प्रसाद अपने बेटे शंकर के लिए कम पढ़ी लिखी किंतु बहुत सुंदर बहु चाहते हैं वह यह भी चाहते हैं कि लड़की हर काम में सर्वगुण संपन्न हो। उसे गाना बजाना, सिलाई - कढ़ाई, बुनाई और अन्य सभी काम आते हो। उमा से तरह तरह के प्रश्न पूछते हैं । उनमें लड़के का पिता होने की ऐठं है। वह चाहते हैं कि लड़की सर्वगुण संपन्न हो किंतु एकांकी के आखिर में पता चलता है कि उनका अपना बेटा शंकर तो किसी प्रकार भी पूर्ण नहीं है उसमें बहुत सारी कमियां एवं बुराइयां हैं। वह चरित्रहीन तो है ही साथ ही शारीरिक दृष्टि से अपंग भी है तथा पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर है। वह ठीक प्रकार से खड़ा नहीं हो पाता क्योंकि उसकी रीढ़ की हड्डी ही नहीं है। इस प्रकार इस एकांकी का शीर्षक ‘रीढ़ की हड्डी’ सर्वथा उचित है।

Answered by Deesahant1234
6

Answer:

उत्तर :

‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है ।इसका शीर्षक बिल्कुल उचित है। इस एकांकी में लेखक ने समाज के रूढ़ियों पर प्रहार किया है। गोपाल प्रसाद अपने बेटे शंकर के लिए कम पढ़ी लिखी किंतु बहुत सुंदर बहु चाहते हैं वह यह भी चाहते हैं कि लड़की हर काम में सर्वगुण संपन्न हो। उसे गाना बजाना, सिलाई - कढ़ाई, बुनाई और अन्य सभी काम आते हो। उमा से तरह तरह के प्रश्न पूछते हैं । उनमें लड़के का पिता होने की ऐठं है। वह चाहते हैं कि लड़की सर्वगुण संपन्न हो किंतु एकांकी के आखिर में पता चलता है कि उनका अपना बेटा शंकर तो किसी प्रकार भी पूर्ण नहीं है उसमें बहुत सारी कमियां एवं बुराइयां हैं। वह चरित्रहीन तो है ही साथ ही शारीरिक दृष्टि से अपंग भी है तथा पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर है। वह ठीक प्रकार से खड़ा नहीं हो पाता क्योंकि उसकी रीढ़ की हड्डी ही नहीं है। इस प्रकार इस एकांकी का शीर्षक ‘रीढ़ की हड्डी’ सर्वथा उचित है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

Explanation:

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