रुके ना तू कविता का समरी इन हिंदी
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भावार्थ- हरिवंश राय बच्चन जी ने हमें इस कविता के जरिए बताया है की धरती हिल रही है और आसमान गूंज रहा है, नदी बह रही है और हवा चल रही है यह सभी तेरी विजय की कामना कर रहे हैं।
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