Math, asked by prabindverma8, 8 months ago

राकेश यादव अपने दादाजी से कुछ राशि प्राप्त
करता है। इस राशि का वह 32.5% भाग एक
फिल्म बनाने में निवेश कर देता है। शेष राशि
से ₹1,00,000 एक टैक्सी चालक द्वारा चुरा
लिए गए। शेष राशि का 20% भाग उसने दान
कर दिया तथा उसने 7.5 लाख रु. का गंगा
अपार्टमेंट में एक फ्लैट खरीदा। यदि अब उसके
पास 2.5 लाख रु. बचे है,
तब राकेश यादव ने
दादाजी से कुल कितनी राशि प्राप्त की।​

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Answered by yogeshparashar452
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कस्बा हरदुआगंज में सपा नेता राकेश यादव की हत्या जमीन के विवाद में हुई थी। इस्कॉन मंदिर के पास वाली जमीन को लेकर ग्वालरा के पूर्व प्रधान रवि प्रताप उर्फ विंका से उनका विवाद चल रहा था। हत्या के लिए डेढ़ लाख की सुपारी तय हुई थी इसमें से पांच हजार रुपये एडवांस लेकर शूटरों ने घटना को अंजाम दिया। यह खुलासा सोमवार को पुलिस ने दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर किया है।

पुलिस ऑफिस में एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि 30 अप्रैल की रात हरदुआगंज में सपा के बरौली विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष राकेश यादव की गोली मारकर हत्या में मृतक के भाई ललित यादव ने कस्बा के ही पूर्व चेयरमैन समेत चार लोगों को नामजद करते हुए दो अज्ञातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से दोनों शूटरों को चिह्नित किया था। इनकी गिरफ्तारी के लिए थाना पुलिस के साथ ही एसओजी व सर्विलांस टीम को लगाया था। सोमवार को सूचना मिली कि शूटर पनैठी की तरफ से माछुआ नहर पुल की तरफ आ रहे हैं। पुलिस टीम ने चेकिंग की और संदिग्ध बाइक सवारों को रुकने का इशारा किया। इस पर बाइक सवारों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया। थाने लाकर पूछताछ की तो उन्होंने अपने नाम मनीष उर्फ बिहारी सिंह निवासी गांव गनथ्री शाहपुर थाना सिकंदराराऊ जनपद हाथरस व विवेक निवासी गांव दाउदपुर थाना हरदुआगंज बताया।

रेकी के बाद दिया वारदात को अंजाम

एसएसपी के मुताबिक दोनों अभियुक्त शूटर हैं। उन्होंने बताया कि ग्वालरा निवासी पूर्व प्रधान रवि प्रताप उर्फ विंका ने राकेश यादव की हत्या कराने की बात कही थी। इसके लिए डेढ़ लाख रुपये की सुपारी तय हुई थी। पांच हजार रुपये एडवांस दिए गए थे। विंका ने ही हथियार और बाइक उपलब्ध कराई थी। घटना को अंजाम देने के लिए सात-आठ दिन तक राकेश यादव की रेकी कर पता किया कि वह कहां-कहां जाते हैं और किस वक्त लौटते हैं। 30 अप्रैल की रात विंका भी साथ था। उसी ने इशारा करके बताया था। इसके बाद राकेश यादव को गोली मारकर दोनों भाग गए थे।

मध्य प्रदेश में काटी फरार

एसएसपी के मुताबिक घटना के बाद मनीष और विवेक साधु आश्रम की तरफ भाग गए थे। इसके बाद विंका से मुलाकात की। विंका ने दोनों से कहा था कि मामला ठंडा होने तक बाहर ही रहें। हालांकि मनीष तो उस वक्त अपने घर चला गया था, जबकि विवेक मध्य प्रदेश भाग गया था।

डेढ़ बीघा जमीन पर था विंका और राकेश का दावा

एसएसपी ने बताया कि इस्कॉन मंदिर के पीछे पड़ी जमीन को लेकर विंका और राकेश के बीच विवाद चल रहा था। जमीन करीब डेढ़ बीघा बताई जा रही है। इस जमीन का राकेश ने बैनामा करा लिया था, वहीं विंका ने भी दावा ठोक रखा था। इसी को लेकर दोनों के बीच रंजिश चल रही थी।

हत्या वाले दिन चौथा व्यक्ति कौन था

कस्बा में जिस वक्त राकेश यादव की हत्या हुई थी उस समय विवेक और मनीष एक बाइक पर थे, जबिक विंका व एक अन्य व्यक्ति दूसरी बाइक पर थे। वह चौथा व्यक्ति कौन था, यह विंका की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल विंका की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

शातिर अभियुक्त हैं दोनों शूटर

एसएसपी के मुताबिक दोनों शूटर शातिर अभियुक्त हैं। मनीष के खिलाफ हत्या समेत तीन मुकदमे दर्ज हैं। जबकि विवेक के खिलाफ हत्या, गुंडा एक्ट समेत सात मुकदमे दर्ज हैं। अभियुक्त विंका का भी आपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा है। दोनों शूटरों से दो तमंचा 315 बोर, दो जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस व एक पल्सर बाइक बरामद की है।

विंका के बुलंदशहर में सरेंडर करने की चर्चा

सपा नेता राकेश यादव की हत्या के बाद से विंका भी फरार चल रहा है। उसे मुकदमे में नामजद भी किया गया है। एक तरफ उसके दो शूटर साथी गिरफ्तार हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस से बचने के लिए विंका के बुलंदशहर की किसी कोर्ट में सरेंडर करने की चर्चा भी हो रही है। एसएसपी के अनुसार इस बारे में पता करा रहे हैं।

पूर्व चेयरमैन को मिल सकती है क्लीनचिट

सपा नेता की हत्या में पूर्व चेयरमैन सुभाष यादव समेत चार लोगों को नामजद किया था। अब मामला खुल चुका है, जिसमें नामजद विंका ही मुख्य अभियुक्त निकला है। एसएसपी के मुताबिक नामजद सोनू की भी भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। अब पूर्व चेयरमैन सुभाष यादव और कुलदीप का कहीं भी कोई रोल सामने नहीं आ रहा है। इसलिए दोनों को क्लीनचिट मिल सकती है। एसएसपी भी यही मानते हैं कि राजनीतिक द्वेष से उन्हें नामजद किया गया होगा। विवेचना में उनका नाम निकाला जा सकता है।

टीम में ये रहे शामिल

शूटरों को पकड़ने वाली टीम में हरदुआगंज थाना प्रभारी संदीप कुमार, एसआई अरविंद सिंह, भूदेव सिंह, हेड कांस्टेबल श्याम सिंह, अजीत प्रताप सिंह, कांस्टेबल आदेश कुमार व अमित कुमार शामिल रहे।

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