रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(i) खड़ी पाई रहित व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय इनके वर्गों के नीचे
लगाया
जाता है।
(विसर्ग बिंदु हलत)
वाले व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय खड़ी पाई हटा दी जाती है।
(शिरोरेखा/खड़ी पाई)
(iii)
में विसर्ग का उच्चारण होता था, पर
में समाप्त हो गया है।
(हिंदी/संस्कृत/ अग्रेजी/फारसी)
(iv)
एक प्रकार का स्वर है, जिसके उच्चारण में वायु मुख के साथ-साथ नाक से भी
बाहर निकलती है।
(अनुस्वार / नासिक्य व्यंजन / अनुनासिक)
(1) जिन वर्णों में शिरोरेखा के ऊपर कोई मात्रा-चिह्न होता है, उन पर अनुनासिक का चिह्न
लगाकर लगाया जाता है।
(बिंदु / चंद्रबिंदु कुछ नहीं)
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1 हलंत
3 संस्कृत, हिंदी
4 अनुनासिक
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