राखी की चुनौती कविता में आई बहन का भाई कहां जाता है
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राखी की चुनौती कविता में आई राखी की चुनौती कविता में आई bahan ka bhai Bajar Uphar lene ke liye Jata Hai Kyunki Rakshabandhan ka tyohar pass hi hai
Answer:
कवियत्री उन बहनों को बधाई देती है जिनके पास राखी बांँधने के लिए भाई है।
Explanation:
राखी की चुनौती कविता देश प्रेम की भावना से लिखी गई कविता है। जिसे सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने स्वतंत्रता के पूर्व लिखा है। इस कविता के जरिए कवियत्री उन नौजवान भाइयों को राखी की चुनौती देकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़ने का आह्वान कर रही है।
कवियत्री का कहना है कि एक बहन राखी के शुभ अवसर पर बहुत खुश है। वे इतने खुश है कि फूले नहीं समा रही। उन बहनों को भी लगता है कि आज जिस प्रकार बादलों में बिजली चमक रही है, आकाश में बादल गरज रहे हैं, वे भी मानो अपना खुशी व्यक्त कर रहे हैं। नाना प्रकार के चमकती, झिलमिलाती हुई राखियांँ थाली पर सही है। पूर्णिमा भी इस अवसर पर बहुत सुंदर प्रतीत हो रही है। कवियत्री उन बहनों को बधाई देती है जिनके पास राखी बांँधने के लिए भाई है। लेकिन कवियत्री खुश नहीं है। क्योंकि उसके पास राखी बंँधवाने के लिए उसका भाई नहीं है। वह तो अंग्रेजों के कारागार में बंद है। कवियत्री को गर्व है कि स्वाधीनता आंदोलन में सक्रियता दिखाने के जुर्म में उसे सजा मिली है। यदि आज उसका भाई उसके पास होता, तो कवियत्री और भी अधिक प्रसन्न होती। कवियत्री उन नौजवान भाइयों से आह्वान कर रही है कि देश की आजादी हेतु वे बहनों से राखी बनवाई। और वे उन राखी को रेशम की कोमल डोरी न समझे, उसे लोहे की हथकड़ी समझे। जो कि आजादी के लिए जेल जाने का निमंत्रण है। इस प्रकार कवियत्री देश के भाइयों को राखी की चुनौती देकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़ने का संदेश दे रही है। अतः यही 'राखी की चुनौती' कविता का मूल स्वर है।
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