रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए
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रेखांकित अंश और पद्यांश नही दिया गया है, इसलिये एक पद्यांश और उसके रेखांकित अंशों की व्याख्या इस प्रकार है...
ऐसे निबन्धों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे मन की स्वच्छन्द रचनाएं हैं । उनमें न कविता की उदात्त कल्पना रहती है , न आख्यायिका – लेखक की सूक्ष्म दृष्टि और न विज्ञों की गम्भीर तर्कपूर्ण विवेचना। उनमें लेखक की सच्ची अनुभूति रहती है । उनमें उसके सच्चे भावों की सच्ची अभिव्यक्ति होती है , उनमें उसका उल्लास रहता है । ये निबन्ध तो उस मानसिक स्थिति में लिखे जाते हैं , जिसमें न ज्ञान की गरिमा रहती है और न कल्पना की महिमा , जिसमें हम संसार को अपनी ही दृष्टि से देखते हैं और अपने ही भाव से ग्रहण करते हैं । तब इसी पद्धति का अनुसरण कर मैं भी क्यों न निबन्ध लिखू । पर मुझे तो दो निबन्ध लिखने होंगे ।
रेखांकित अंश की व्याख्या : इस तरह के निबंध लेखक की वे रचनाएं होती हैं, जो वह अपने हृदय से लिखते है, और किसी भी तरह से बंधन मुक्त होकर लिखते हैं। ऐसी रचनाओं में किसी कवि के समान कुछ अतिशयोक्ति पूर्ण कल्पनाएं और किसी कहानी के लेखक के समान सूक्ष्म दृष्टि की जरूरत नहीं पड़ती। ना ही इस तरह के निबंधों में विद्वानों की तरह गुण और गंभीरतायुक्त तथा तर्कपूर्ण विवेचना की जरूरत होती है। इस तरह के निबंध लेखक अपने मन की सच्ची और स्वभाविक भावनाओं को पूर्ण स्वतंत्रता एवं प्रसन्नता से प्रदर्शित करना चाहता है, इसीलिए ऐसे निबंध को लिखते समय लेखक अपने किसी भी तरह के ज्ञान-विद्वान वाले प्रदर्शन से दूर रहता है और अपने मन के भावों को स्वभाविक रुप में लिखता है।