रैखिक त्वरित की संरचना तथा कार्यविधि को समझाइये।
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14nd
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वे कण त्वरक रैखिक कण त्वरक (linear particle accelerator) या लिनैक (linac) कहलाते हैं जो आवेशित कणों को सीधी रेखा में (बिना मोड़े) त्वरित करते हैं। ... रैखिक कण त्वरक का आविष्कार सन् १९२८ में रॉल्फ विडेरो (Rolf Widerøe) ने किया था।
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इनका उपयोग खाद्य सामग्री (फल, बीज आदि) पर विकिरण डालकर उनको नष्ट होने से बचाने या उनके क्षरण की गति धीमी करने में होता है।
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वे कण त्वरक रैखिक कण त्वरक या लिनैक कहलाते हैं जो आवेशित कणों को सीधी रेखा में (बिना मोड़े) त्वरित करते हैं। टीवी (पिक्चर ट्यूब वाली टीवी) सरलतम रैखिक त्वरक है जो ट्यूब के पिछले सिरे पर स्थित कैथोड से उत्सर्जित एलेक्ट्रॉनों की वेग वृद्धि करके अधिक तेजी से पर्दे पर टकराने में मदद करता है। रैखिक कण त्वरक का आविष्कार सन् १९२८ में रॉल्फ विडेरो ने किया था।
रैखिक त्वरक "वेव गाइड" नामक त्वरक के एक हिस्से में इलेक्ट्रॉनों को गति देने के लिए माइक्रोवेव तकनीक (रडार के लिए उपयोग किए जाने वाले समान) का उपयोग करता है, फिर इन इलेक्ट्रॉनों को उच्च-ऊर्जा एक्स-रे उत्पन्न करने के लिए भारी धातु के लक्ष्य से टकराने की अनुमति देता है।
रैखिक त्वरकों के उपयोग:
- इनका उपयोग एक्स-किरणें उत्पन्न करने में होता है;
- ये उच्च उर्जा वाले कण त्वरकों के इंजेक्टर (अर्थात, आरम्भिक चरण) के रूप में उपयोग में लाये जाते हैं;
- इनका उपयोग खाद्य सामग्री (फल, बीज आदि) पर विकिरण डालकर उनको नष्ट होने से बचाने या उनके क्षरण की गति धीमी करने में होता है।
- उप-परमाणवीय कणों के गुण्धर्म की जांच करने के लिये भी इनका उपयोग किया जाता है।
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