राख से लिपा हआ चौका (अभी गीला पड़ा है) बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो स्लेट पर या लाल खडिया चाक मल दी हो किसी ने नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो। क अवतरण की भाषागत कोई दो विशेषताएं लिखिए। ख कविता में तुलनीय उपमान के लिए किन-किन बिम्बों का सहारा लिया गया है? ग कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
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उषा' कविता में प्रात:कालीन आकाश की पवित्रता के लिए कवि ने उसे 'राख से लीपा हुआ चौका' कहा है। जिस प्रकार चौके को राख से लीपकर पवित्र किया जाता है, उसी प्रकार प्रात:कालीन उषा भी पवित्र है। आकाश की निर्मलता के लिए कवि ने 'काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो' का प्रयोग किया है।
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