राम के पूछने पर माता कैकई ने राजा दशरथ चुप होने का क्या कारण बताया
Answers
राम– पिता जी आपको क्या हो गया है। आपके एकाएक अस्वस्थ हो जाने का कारण क्या है?
दशरथ मौन अवस्था को धारण किए हुए सिर्फ आंसू बहाते हैं
राम– माता आप ही हमें बताइए पिता श्री को क्या हुआ है?
कैकई– राम तुम्हारे पिता श्री ने मुझे दो वचन दिए थे। जो आज मैंने माँग लिया। यदि तुम्हारे पिता जी वचन पालन करते हैं। तो पुत्र मोह का दुविधा उत्पन्न हो जाती है। और वचन न पालन करने पर पूर्वजों की कीर्ति को धूमिल करते हैं।
राम– माँ आप हमें स्पष्ट बताइए पिता श्री के इस व्यथा का कारण क्या है ?
कैकई– राम मैंने पहले वचन में भारत के राज्याभिषेक
तथा दूसरे वचन में तुम्हे 14 वर्ष का वनवास मांगा है।
राम– माता इतनी होती सी बात पर पिता श्री दुखी हैं। मैं स्वयं भी यही चाहता था। की भरत को राज्याभिषेक मिले और अब आपके कृपा से हमें वहाँ जाने का मौका मिल रहा है। जहाँ ऋषि-मुनि के दर्शन से जीवन सफल बना पाऊंगा।
यह अत्यंत मार्मिक प्रसंग है। राम सहजता से अपने अनुज लक्ष्मण और भार्या सीता सहित राजसी वस्त्र त्याग कर गेरुए वस्त्र धारण किए वन को चले जाते हैं।
आशा है आपको रामायण का यह अंश अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद।
Explanation:
पुराणों और इतिहासकारों के अनुसार आदि रूप ब्रह्मा जी से मरीचि का जन्म हुआ। मरीचि के पुत्र कश्यप हुये। कश्यप के विवस्वान और विवस्वान के वैवस्वतमनु हुये। वैवस्वतमनु के पुत्र इक्ष्वाकु हुये। इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की। इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुये। कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था। विकुक्षि के पुत्र बाण और बाण के पुत्र अनरण्य हुये। अनरण्य से पृथु और पृथु और पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ। त्रिशंकु के पुत्र धुन्धुमार हुये। धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था। युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुये और मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ। सुसन्धि के दो पुत्र हुये - ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित। ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुये। भरत के पुत्र असित हुये और असित के पुत्र सगर हुये। सगर के पुत्र का नाम असमंज था। अ