Hindi, asked by mohit7489792175, 3 months ago

राम की शक्ति पूजा का केंद्रीय भाव​

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Answered by ItzMissKomal
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युद्ध की निराशा के अलावा शक्ति पूजा से पहले और अंत के समीप भी राम निराश दिखते हैं। जहाँ पहली निराशा मात्र घटनाओं से है, वहीं दूसरी निराशा स्वयं शक्ति और तीसरी निराशा स्वयं के जीवन से है। उनके अनुसार शक्ति एक चंद्र की भाँति हैं जो रावण रूपी दाग को स्वयं में लेने के बाद भी अपने तेज से वंचित नहीं होती हैं।

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