राम की शक्ति पूजा ' कविता में निहित कवि की मूल भावना स्पष्ट कीजिए
Answers
Answered by
0
Explanation:
राम की शक्ति पूजा 23 अक्टूबर 1936 को रची गई या पूरी हुई और अनुमान है कि वह 26 अक्टूबर 1936 को भारत पत्र में प्रकाशित हुई लेकिन आज भारत (दैनिक, इलाहाबाद) का वह अंक सुलभ नहीं है इसलिए इस कविता के मूल निकटतम पाठ के लिए अनामिका के प्रथम संस्करण में वह जिस रूप में छपी थी उसी रूप पर निर्भर करना पङता है।
अनामिका में छपे इस कविता के उस रूप को देखने से पता चलता है कि सरोज स्मृति की तरह यह कविता भी अनुच्छेदों में विभाजित थी। लेकिन परिवर्ती संस्करणों में उस विभाजन को समाप्त कर दिया गया। लम्बे अंतराल के बाद इस कविता को महत्त्व देकर फिर से निराला रचनावली में स्थान दिया गया।
Similar questions