रोम के ऊँचे घरानों में से प्रत्येक के पास
अपने आप में वह सब कुछ मौजूद था जो
एक मध्यम आकार के शहर में हो सकता
है। एक घुड़दौड़ का मैदान (हिप्पोड्रोम),
अनेक मंच-मंदिर, फव्वारे और विभिन्न
प्रकार के स्नानागार... बहुत से रोमन परिवारों
को अपनी संपत्ति से प्रतिवर्ष 4,000 पाउंड
सोने की आय प्राप्त होती थी, जिसमें
अनाज, शराब और अन्य उपज शामिल
नहीं थीं; इन उपजों को बेचने पर सोने में
प्राप्त आय के एक-तिहाई के बराबर आमदनी
हो सकती थी। रोम में द्वितीय श्रेणी के
परिवारों की आय 1000 अथवा 1500
पाउंड सोना थी।
थेस का ओलिपिओडोरस
Answers
Answered by
1
Answer:
- यहां कही जा रही कहानी देश की आज़ादी के पचासवें बरस के दौरान की एक छोटी सी, मामूली-सी प्रेम कहानी है। हो सकता है आपको यह प्रेम कहानी तो क्या, कहानी ही न लगे और आप कहें कि यह सब क्या बकवास ह
- जीवन के साथ यही तो तकलीफ़ है। जब जीवन की बात की जाये तो कहानी लगती है और जब कहानी सुनायी जाये तो लगता है, इसमें कहानी जैसा तो कुछ भी नहीं। हम यही सब कुछ तो रोज देखते-सुनते रहते हैं। फिर भी यह कहानी कहनी ही है। जीवन या कहानी जो कुछ भी है, यही है। बाकी फ़ैसला आपका। खैर।
- तो, पिछले कई बरसों की कई-कई शामों की तरह, आज की शाम भी हमारा कथानायक मुंबई महानगर, जिसे देश की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है, के मैरीन ड्राइव की मुंडेर पर पिछले आधे घंटे से कथानायिका के इंतज़ार में बैठा हुआ अरब महासागर की उठती गिरती लहरें देख रहा है। सूर्य अभी-अभी डूबा है और जाते-जाते जैसे अपने पीछे रंगों की बाल्टी को ठोकर मार गया है। सारे रंग गड्ड मड्ड होकर क्षितिज में बिखर गये हैं।
Similar questions
World Languages,
3 months ago
Math,
3 months ago
Biology,
3 months ago
Math,
7 months ago
Math,
7 months ago
Math,
11 months ago
Social Sciences,
11 months ago