Hindi, asked by maihurishianand, 1 month ago

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद'के आधार पर तुलसीदास जी की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।।

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Answered by IIItzMrPagluII703
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तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस से लिए गए 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' में परशुराम महाक्रोधी, उग्र एवं अति आत्मप्रशंसक यानी अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने वाले मुनि हैं। वे स्वयं को प्रचंड क्रोधी, महापराक्रमी, बाल ब्रह्मचारी एवं क्षत्रिय कुल का घातक बताते हैं।

 \bf\pink{\textsf{Answered By MrPaglu}}

Answered by MRarjun77
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तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस से लिए गए 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' में परशुराम महाक्रोधी, उग्र एवं अति आत्मप्रशंसक यानी अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने वाले मुनि हैं। वे स्वयं को प्रचंड क्रोधी, महापराक्रमी, बाल ब्रह्मचारी एवं क्षत्रिय कुल का घातक बताते हैं।

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