'राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद' कविता से लक्ष्मण की निडरता और साहस का परिचय मिलता है। कैसे?
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जब लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि हे मुनि! आप तो हाँक लगा-लगाकर मृत्यु को मेरे लिए बुला रहे हैं। ऐसा कहने से उनकी निडरता का पता चलता है।
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(क) जब लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि हे मुनि! आप तो हाँक लगा-लगाकर मृत्यु को मेरे लिए बुला रहे हैं। ऐसा कहने से उनकी निडरता का पता चलता है। (ख) परशुराम ने पूरी सभा से कहा कि अब यह बालक मरने के लिए आतुर है क्योंकि इतना कटु वचन बोलने वाला बालक वध करने योग्य है।
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