राम लक्षण परशुराम संवाद के कठीन शब्द लिखें और उनका अर्थ लिखे
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कबहुँ न असि रिस किन्हि गोसाईँ॥ येही धनु पर ममता केहि हेतू। सुनी रिसाइ कह भृगुकुलकेतू॥ राम लक्ष्मण परशुराम संवाद भावार्थ :- परशुराम जी श्री राम से कहते हैं, जिसने भी शिवजी के धनुष को तोडा है, वह इस स्वयंवर को छोड़कर अलग खड़ा हो जाए, नहीं तो इस दरबार में उपस्थित सारे राजाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
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