Hindi, asked by tiwariamod99, 10 months ago

राम मैं पूजा कहाँ चढ़ाऊँ । फल अरु मूल अनूप न पाऊँ ।।
(2)
थनहर दूध जो बछरू जुठारी । पुहुप भँवर जल मीन बिगारी ।।
मलयागिरी बेधियो भुअंगा । विष अमृत
दोऊ एकै संगा ।।
मन ही पूजा मन ही धूप । मन ही से ऊँ सहज सरूप ।।
पूजा अरचा न जानूं तेरी । कह रैदास कवन गति मेरी ।।
bhavarth btave​

Answers

Answered by anjalkumari154
2

Answer:

spsht kar

Explanation:

राम मैं पूजा कहाँ चढ़ाऊँ । फल अरु मूल अनूप न पाऊँ ।।

(2)

थनहर दूध जो बछरू जुठारी । पुहुप भँवर जल मीन बिगारी ।।

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