Hindi, asked by vikramjeet7646090692, 6 hours ago

राम मैं पूजा कहाँ चढ़ाऊँ । फल अरु मूल अनूप न पाऊँ
थनहर दूध जो बछरू जुठारी । पुहुप भँवर जल मीन बिगारी
मलयागिरी बेधियो भुअंगा । विष अमृत दोऊ एकै संगा
मन ही पूजा मन ही धूप । मन ही सेऊँ सहज सरूप
पूजा अरचा न जानूँ तेरी । कह रैदास कवन गति मेरी​

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Answered by 28886viratteotia
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